वो 5 बातें जो हर औरत को अपनी इंटिमेट हेल्थ के बारे में पता होनी चाहिए
क्या प्राइवेट पार्ट से स्मेल आना नॉर्मल है?
हमें अपने शरीर के अंगों के बारे में अच्छी-ख़ासी जानकारी रहती है. जैसे हमें पता है कि अगर दिल को स्वस्थ रखना है तो क्या खाना चाहिए. या अगर किडनी में पथरी है तो क्या करना चाहिए. पर बात जब वजाइना की आती है तो हमारी जानकारी थोड़ा कम पड़ जाती है. और इसी के चलते बहुत बार अपनी सेहत से समझौता भी करना पड़ता है. देखिए. कुछ बेसिक चीज़ें हैं जो हर औरत को अपनी वजाइना के बारे में पता होनी चाहिए. ये ज़रूरी बातें हमें डॉक्टर साधना काला ने बताई हैं. वो मूलचंद हॉस्पिटल दिल्ली में एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. जैसे:
पहली बात: हर वजाइना की अपनी एक स्मेल होती है
वजाइना नेचर में एसिडिक होती हैं. साथ ही उनमें पसीने वाली ग्रंथि भी होती हैं. पसीने की वजह से वजाइना की एक ख़ास तरह की स्मेल होती है. और इसमें कोई परेशानी या शर्मिंदगी वाली बात नहीं है. साथ ही आपके पीरियड साइकिल का असर भी आपकी वजाइना की स्मेल पर पड़ता है. महीने के कुछ दिनों में आपकी वजाइना ज़्यादा तेज़ स्मेल करती है. इसकी वजह हॉर्मोन्स, प्रेग्नेंसी, या सेक्स हो सकती है. पर इससे निपटने के लिए आपको मार्कैट में मौजूद किसी पर्फ्यूम या प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की ज़रुरत नहीं है. आपकी वजाइना की एक पर्टिकुलर स्मेल है और इसमें कुछ अजीब बात नहीं.
दूसरी बात: क्या आपको वजाइनल वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए
मार्केट में कई वजाइनल वॉशएज़ हैं जो आपके प्राइवेट पार्ट को साफ़ रखने का वादा करते हैं. पर सवाल है क्या आपको उन्हें इस्तेमाल करना चाहिए? जवाब है, हां. डॉक्टर साधना काला कहती हैं कि ये वॉशेज़ साबुन से ज़्यादा सेफ़ होते हैं. ये न सिर्फ वजाइना की सफ़ाई करते हैं बल्कि बैक्टीरिया को भी बढ़ने नहीं देते.
तीसरी बात: सेक्स की वजह से वजाइना स्ट्रेच नहीं होती
ये बहुत आम धारणा है कि सेक्स करने से वजाइना लूज़ हो जाती है. दरअसल वजाइना में मौजूद मास्पेशियां काफ़ी खिंच सकती हैं. वैसे भी सेक्स के दौरान वजाइना साइज़ में अपने आप बढ़ जाती है और बाद में साइज़ में घट जाता है. पर समय के साथ ये इलास्टिसिटी कमज़ोर नहीं होती. ये बस एक मिथ है.
चौथी बात: क्लाइटोरिस में शरीर की सबसे ज़्यादा शिराएं होती हैं
वजाइना की ओपनिंग के ठीक ऊपर एक छोटा सा मास का टुकड़ा होता है. इसका एक ही काम होता है सेक्स के दौरान महिला को सुख देना. क्लाइटोरिस में बाकी शरीर के अंगों के मुकाबले सबसे ज़्यादा शिराएं होती हैं. मतलब लगभग 8000.
पांचवी बात: वजाइना की मासपेशियों पर काम करने से ओर्गास्म अच्छा होता है
औरतों को ओर्गास्म इतनी आसानी से नहीं होता. ऐसा हम नहीं, साइंस कहता है. एक स्टडी के मुताबिक केवल 20 से 30 प्रतिशत औरतों को ही सेक्स के दौरान ओर्गास्म होता है. पर एक ख़ास तरह की एक्सरसाइज़ ये दिक्कत ठीक कर सकती है. इन्हें कीगेल कहते हैं. इसमें आपको ज़्यादा कुछ नहीं करना. बस अपनी वजाइना की मांसपेशियों को कसना है, थोड़ी देर रुकना है, और फिर छोड़ देना है.
अगर आपको यह post अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
सफलता आपकी
Safalta Aapki
क्या प्राइवेट पार्ट से स्मेल आना नॉर्मल है?
हमें अपने शरीर के अंगों के बारे में अच्छी-ख़ासी जानकारी रहती है. जैसे हमें पता है कि अगर दिल को स्वस्थ रखना है तो क्या खाना चाहिए. या अगर किडनी में पथरी है तो क्या करना चाहिए. पर बात जब वजाइना की आती है तो हमारी जानकारी थोड़ा कम पड़ जाती है. और इसी के चलते बहुत बार अपनी सेहत से समझौता भी करना पड़ता है. देखिए. कुछ बेसिक चीज़ें हैं जो हर औरत को अपनी वजाइना के बारे में पता होनी चाहिए. ये ज़रूरी बातें हमें डॉक्टर साधना काला ने बताई हैं. वो मूलचंद हॉस्पिटल दिल्ली में एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. जैसे:
पहली बात: हर वजाइना की अपनी एक स्मेल होती है
वजाइना नेचर में एसिडिक होती हैं. साथ ही उनमें पसीने वाली ग्रंथि भी होती हैं. पसीने की वजह से वजाइना की एक ख़ास तरह की स्मेल होती है. और इसमें कोई परेशानी या शर्मिंदगी वाली बात नहीं है. साथ ही आपके पीरियड साइकिल का असर भी आपकी वजाइना की स्मेल पर पड़ता है. महीने के कुछ दिनों में आपकी वजाइना ज़्यादा तेज़ स्मेल करती है. इसकी वजह हॉर्मोन्स, प्रेग्नेंसी, या सेक्स हो सकती है. पर इससे निपटने के लिए आपको मार्कैट में मौजूद किसी पर्फ्यूम या प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की ज़रुरत नहीं है. आपकी वजाइना की एक पर्टिकुलर स्मेल है और इसमें कुछ अजीब बात नहीं.
दूसरी बात: क्या आपको वजाइनल वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए
मार्केट में कई वजाइनल वॉशएज़ हैं जो आपके प्राइवेट पार्ट को साफ़ रखने का वादा करते हैं. पर सवाल है क्या आपको उन्हें इस्तेमाल करना चाहिए? जवाब है, हां. डॉक्टर साधना काला कहती हैं कि ये वॉशेज़ साबुन से ज़्यादा सेफ़ होते हैं. ये न सिर्फ वजाइना की सफ़ाई करते हैं बल्कि बैक्टीरिया को भी बढ़ने नहीं देते.
तीसरी बात: सेक्स की वजह से वजाइना स्ट्रेच नहीं होती
ये बहुत आम धारणा है कि सेक्स करने से वजाइना लूज़ हो जाती है. दरअसल वजाइना में मौजूद मास्पेशियां काफ़ी खिंच सकती हैं. वैसे भी सेक्स के दौरान वजाइना साइज़ में अपने आप बढ़ जाती है और बाद में साइज़ में घट जाता है. पर समय के साथ ये इलास्टिसिटी कमज़ोर नहीं होती. ये बस एक मिथ है.
चौथी बात: क्लाइटोरिस में शरीर की सबसे ज़्यादा शिराएं होती हैं
वजाइना की ओपनिंग के ठीक ऊपर एक छोटा सा मास का टुकड़ा होता है. इसका एक ही काम होता है सेक्स के दौरान महिला को सुख देना. क्लाइटोरिस में बाकी शरीर के अंगों के मुकाबले सबसे ज़्यादा शिराएं होती हैं. मतलब लगभग 8000.
पांचवी बात: वजाइना की मासपेशियों पर काम करने से ओर्गास्म अच्छा होता है
औरतों को ओर्गास्म इतनी आसानी से नहीं होता. ऐसा हम नहीं, साइंस कहता है. एक स्टडी के मुताबिक केवल 20 से 30 प्रतिशत औरतों को ही सेक्स के दौरान ओर्गास्म होता है. पर एक ख़ास तरह की एक्सरसाइज़ ये दिक्कत ठीक कर सकती है. इन्हें कीगेल कहते हैं. इसमें आपको ज़्यादा कुछ नहीं करना. बस अपनी वजाइना की मांसपेशियों को कसना है, थोड़ी देर रुकना है, और फिर छोड़ देना है.
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