Monday 24 December 2018

वह करो जो आप करना चाहते हो - Safalta Aapki


वह करो जो आप करना चाहते हो - Safalta Aapki

आज राजेश और पल्लवी  के घर ख़ुशी का माहौल था और हो भी क्यों नहीं आज 5 साल बाद उनके घर बेटे का जन्म जो हुआ है | दोनों उसका नाम सोचने में लग गए और finally उसका नाम रखा गया लक्ष्य | राजेश और पल्लवी अपनी संतान के बारे में कई सपने भी देख रखे हैं वो  दोनों ने पहले से ही सोच रखा है वो अपने बेटे को Doctor  बनाएंगे |
जैसे ही लक्ष्य 4 साल का हुआ उसका admission शहर के अच्छे School  में करा दिया गया | लक्ष्य बचपन से ही बहुत ही अच्छी Painting बनाता | किसी को यकीन ही नहीं होता की ये पेंटिंग 4 साल के बच्चे ने बनायीं है |
लक्ष्य पढ़ने में भी बहुत अच्छा था | हमेशा Class में 1st आता | क्लास 11 में उसे subjects select करने थे | न चाहते हुए भी उसे biology लेनी पढ़ी . क्यों की उसके parents चाहते थे की वह doctor बने , पर वह एक painter बनना चाहता था . लक्ष्य ने अपने पेरेंट्स से बात भी , की वह doctor नहीं बनना चाहता | पर   उसके पेरेंट्स ने साफ साफ कह दिया वो उसे पेंटिंग में अपना Future खराब नहीं करने देंगे | मज़बूरी मे लक्ष्य को अपने पेरेंट्स की बात मन्नी पढ़ी | लक्ष्य का पढ़ाई में प्रदर्शन  पहले से कुछ खराब हो गया .  क्लास 12 करने के बाद लक्ष्य को Medical College में Admission लेना पढ़ा | और पढ़ाई पूरी करके लक्ष्य ने अपना Clinic भी खोल लिया | कुछ समय बाद लक्ष्य की शादी भी हो गयी और एक बेटी भी | पर उसके मन कही न कही अपना मुख्य लक्ष्य पेंटिंग करना सिर्फ सपना बन गया | पर अब लक्ष्य के जीवन का लक्ष्य था | जो काम वो नहीं कर सका वो उसकी बेटी करे | और लक्ष्य अपनी बेटी को एक Painter बनाना चाहता था , यह जाने बिना की उसकी बेटी क्या बनना चाहती है |

दोस्तों हम इस तरह की पहले भी कई बात सुन और पढ़ चुके होंगे | कई Movie भी देखि होंगी जैसे 3 Idiots , Taare zameen par | पर  जब असलियत में अपने बच्चों पर apply करने  की बात आती है , हम अपने बच्चों को दूसरों सेcompaire करने लगते है या सोचने लगते है जो काम हमने नहीं किया वो बच्चे करें | या समाज क्या कहेगा आदि आदि | अभी ज़रूरत है अपने बच्चों को पूरी समझ देने की और उन्हें उनके पसंद का career select करने की आज़ादी देनी की |

अगर हम जीवन में सफल होना चाहते है (सफल होना मतलब खुश रहना संतुष्ट रहना , जीवन का पूरा आनंद लेना न की सिर्फ पैसे कामना ) तो वही करे जो हमें पसंद हो . आपने कई लोगो के बारे में सुना होगा जिनका लोगो ने पहले बहुत मज़ाक उड़ाया. पर आज सब उन्ही की तरह बनना चाहते है . जैसे सचिन तेंदुलकर , लता मंगेशकर , संदीप माहेश्वरी , आदि आदि अगर उनके पेरेंट्स भी उन्हें किसी और फील्ड में जाने के लिए वाद्य करते तो उनका क्या होता आप खुद ही सोच सकते है .

No comments:

Post a Comment

स्टार्टअप क्या है कम पूंजी से शुरू होने वाले बिज़नेस || What is a startup, a business starting with low capital

स्टार्टअप क्या है स्टार्टअप का मतलब एक नई कंपनी से होता है।आमतौर पर उसको शुरू करने वाला व्यक्ति उसमें निवेश करने के साथ साथ कंपनी का संचालन ...