Sunday 28 February 2016

समाज के लिए तभी कुछ किया जा सकता है जब हमारी सोच पॉजिटिव होगी

समाज के लिए तभी कुछ किया जा सकता है जब हमारी सोच  पॉजिटिव होगी

जब इंसान की सोच पॉजिटिव होती है तभी वह किसी को कुछ देने की सोचता है । और पॉजिटिव सोच में ही ये आता है की हर इंसान को बराबरी का अधिकार मिले । इस अधिकार में सबसे पहले आती हैं  महिलाएं । समाज के निर्माण में महिलाएं कधे से कधा मिलकर पुरषो   के साथ हर काम में  सहयोग दे रही हैं । घर हो आफिस या राजनीती वे हर जगह अपना कर्तव्य निभा रही हैं । सरकार की तरफ से तो बराबरी का दर्जा मिला है  लेकिन   घर में  अभी भी सोच छोटी ही हो जाती है । जेंट्स आफिस से आते ही सोफे पर लेटकर आराम से टी वी देखते हैं और लेडीज़ किचन व् घर की जिम्मेदारियां संभालती हैं । अगर माँ बेटी के साथ साथ बेटे से भी थोड़ी बहुत काम में मदद ले और बहन बेटियों की  वेलु समझाए तो महिलाएं कमजोर नही सस्कत बन कर जी सकती हैं  । इंद्रागाँधी प्रतिभा पाटिल कल्पनाचावला की तरह से  समाज के लिए योगदान  कर सकती हैं । इनकी योग्यता निखारने के लिए सिर्फ आपके स्पॉट की जरूरत है । अगर इन्हे घर में सहयोग मिले तो हो सकता है की आप की माँ बहन  बीबी या बेटी की योग्यता आप से भी अधिक हो एक बार बराबरी का मौका देकर तो देखें ।

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