गलती से सीखकर, सुधारना ही सुखद जीवन का आधार हैं
एक संत यात्रा पर निकले कई दिनों तक चलने के बाद एक गाँव आया जहाँ उन्होंने विश्राम करने का सोचा उन्होंने अपने शिष्य से गाँव में खबर भिजवाई कि वे किसी सज्जन परिवार के घर भोजन करेंगे | संत को छुआछूत में विश्वास था |
शिष्य यह संदेशा लेकर गाँव के हर एक घर के दरवाजे को ख़ट खटाता हैं और कहता हैं हे सज्जन मेरे गुरुवर आज इसी गाँव में ठहरे हैं और उनका यह व्रत हैं कि वे किसी सज्जन शुद्ध आचरण वाले व्यक्ति के घर का ही भोजन ग्रहण करेंगे |क्या आप उन्हें भोजन करवाएंगे ? इस पर उस गाँववासी ने विनम्रता से हाथ जोड़कर कहा – हे बंधू मैं नराधम हूँ मेरे आलावा इस गाँव में सभी वैष्णव हैं फिर भी अगर आपके गुरु मेरे घर आश्रय ले तो मैं खुद को भाग्यशाली मानूंगा | शिष्य गाँव के हर एक घर गया पर सभी ने खुद को अधम और दूसरों को सज्जन कहा |
शिष्य ने गुरु के पास जाकर पूर्ण विस्तार से पूरी घटना सुनाई यह सुन गुरु गाँव में आये और उन्होंने सभी से क्षमा मांगी कहा – आप सभी सज्जन हैं अधम तो मैं खुद हूँ जो ईश्वर के बनाये इंसानों में भेद कर रहा हूँ | आज आप सभी के साथ रुकना मेरे लिए सौभाग्य होगा इससे मेरा अंतःकरण शुद्ध होगा |
कहानी की शिक्षा :
इन्सान भगवान के बनाये हैं इन में कोई भेद नहीं होता | यह भेद देखने वाले की दृष्टि में होता हैं | यह संसार भगवान की देन हैं इसमें ऊँचा नीचा देखने वाले ही छोटी सोच के लोग हैं |
अपने आपको को इस तरह के अज्ञान से दूर करे जब भी अपनी गलती का अहसास हो उसे सुधारे जैसे कहानी में संत ने किया | गलती सभी से होती हैं पर उसे स्वीकार कर ठीक करने वाल महान होता हैं |
यदि आपके पास Hindi में कोई article, story, business idea या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है. safaltaaapki@gmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks
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इन्सान भगवान के बनाये हैं इन में कोई भेद नहीं होता | यह भेद देखने वाले की दृष्टि में होता हैं | यह संसार भगवान की देन हैं इसमें ऊँचा नीचा देखने वाले ही छोटी सोच के लोग हैं |
अपने आपको को इस तरह के अज्ञान से दूर करे जब भी अपनी गलती का अहसास हो उसे सुधारे जैसे कहानी में संत ने किया | गलती सभी से होती हैं पर उसे स्वीकार कर ठीक करने वाल महान होता हैं |
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